कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप को अनिवार्य किया है। पर इस कोरोना कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग ऐप की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि तमाम सवालों के बावजूद करीब 10 करोड़ लोग आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड कर चुके हैं। कई बड़े एथिकल हैकर्स ने भी आरोग्य सेतु ऐप की प्राइवेसी पर सवाल उठाए हैं।
पर अब सरकार ने आरोग्य सेतु एप में गोपनीयता संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए स्रोत कोड को खोलने की घोषणा की। इसके साथ ही सुरक्षा खामियों को खोजने के लिए इनाम का ऐलान भी किया है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र की महानिदेशक नीता वर्मा ने कहा कि ऐप में बग ढूंढने वाले और इसकी प्रोग्रामिंग को बेहतर बनाने का सुझाव देने वाले लोगों के लिए पुरस्कार की चार श्रेणियां होंगी।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि दुनिया की कोई भी सरकार इस पैमाने पर खुला स्त्रोत नहीं है। सरकार ने संपर्क ट्रेसिंग ऐप द्वारा एकत्रित की जा रही डाटा की गोपनीयता के बारे में चिंताओं को दूर करने के लिए स्त्रोत कोड खोला है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता, गोपनीयता और सुरक्षा आरोग्य सेतु का मुख्य सिद्धांत रहा है। डेवलपर समुदाय के लिए स्त्रोत कोड खोलना भारत सरकार की इन प्रतिबद्धताओं को निरंतर जारी रखने का संकेत देता है।
आरोग्य सेतु ऐप 12 भाषाओं में उपलब्ध है और इसके 90 फीसदी यूजर्स एंड्रॉयड यूजर्स ही हैं। सरकार इस ऐप का सोर्स कोड उपलब्ध कराने जा रही है। सोर्स कोड ओपन होने का मतलब है कि दुनिया का कोई भी डेवलपर यह जान सकता है कि आरोग्य सेतु में कौन-कौन सी जानकारी स्टोर हो रही है और ऐप आपके फोन में क्या कर रहा है।
बता दें कि फ्रांस के सिक्योरिटी एक्सपर्ट और एथिकल हैकर इलियट एंडरसन ने पिछले महीने ट्वीट करके आरोग्य सेतु ऐप की प्राइवेसी को लेकर सवाल खड़ा किया था। उन्होंने दावा किया था कि आरोग्य सेतु ऐप इस्तेमाल करने वालों का डेटा खतरे में है। ऐसे में अब सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप में बग ढूंढने वाले और इसकी प्रोग्रामिंग को बेहतर बनाने का सुझाव देने वाले को एक लाख का पुरस्कार देने की घोषणा की है। पुरस्कार की चार श्रेणियां होंगे।